रामायण के कलाकार – अंगद (ANGAD)

रामानंद सागर जी की रामायण में भाग लेने वाले सभी कलाकारों के बारे में जानने को मैं हमेशा आतुर रहती हूं। वानर रूप में न जाने कितने कलाकार हैं जिनका वास्तविक रूप हम नहीं जानते। इन सभी कलाकारों में जिस कलाकार का वास्तविक रूप देखने को मैं सबसे ज्यादा उत्सुक रही हूं, वह हैं अंगद जी को साकार करने वाले अभिनेता बशीर ख़ान जी का। उनके द्वारा अभिनीत महाभारत और श्री कृष्ण के चरित्रों के बारे में मैं कई वर्षों से सुन रही हूं। लेकिन सच कहूं तो मुझे इन किरदारों के हाव-भाव या अंग्रेजी में जिसे बॉडी लैंग्वेज कहते हैं देखकर यह कभी नहीं लगा कि यही अंगद वाले कलाकार हैं।

रामायण में अंगद जी का एक अलग ही स्थान है। वह प्रभु श्री राम के नाम पर अदभुत विश्वास के आदर्श हैं। उन्होंने रावण की सभा में अपना पैर जमाकर यह चुनौती देदी कि यदि उनका पैर कोई हिला सका तो श्री राम हार मान लंका से चले जायेंगे। बड़े बड़े महारथियों ने प्रयत्न किया पर कोई उनका पैर हिला न सका। मैं ने तो शायद ही किसी और कलाकार को अंगद जी का चरित्र निभाते हुए देखा हो। अंगद नाम सुनते ही एक सदैव तत्पर रहने वाले सुडौल, युवा वानर बने बशीर जी का ही चित्र उभरता है। रामायण में उनके योगदान की जितनी प्रशंसा की जाए कम है।

चेहरे से न सही पर उनके कंधों से मैं अंगद जी को तुरंत पहचान सकती हूं। उनके बाएं कंधे पर काले तिल जैसा निशान है। हाल ही में विक्रम बेताल की कथा में एक पहलवान बने कलाकार को देखते ही मैंने बशीर जी को पहचान लिया। रामायण में भाग लेते समय वह ऐसे ही दिखते होंगे। मुझे बहुत खुशी है कि अब मैं बशीर जी को उनके वास्तविक रूप में पहचान सकती हूं। वह अब कहां हैं, कैसे हैं, क्या कर रहे हैं, शायद यह भी किसी दिन पता चल जाए।

वैसे अंगद के अतिरिक्त उन्होंने रामायण में वज्रमुष्टि की भूमिका भी निभाई थी जो युद्ध के पहले दिन महाराज सुग्रीव जी के हाथों मारा जाता है। महाभारत में वह दो बार – भाग ६ में महर्षि पराशर और भाग ३७ में कुरु सभा के एक मंत्री के रूप में दिखाई दिए। विक्रम और बेताल में वह ३ कथाओं में नज़र आये और श्री कृष्ण में शायद ३ भूमिकाएं की हैं – द्विविद वानर, राक्षस मुरा और मायासुर।

बशीर जी को हमारा प्रणाम और कोटि कोटि धन्यवाद। यदि इनके बारे में किसी के पास कोई भी जानकारी हो तो कृपया सांझा करें।

यहाँ शायद एक बात और बताना अवशय है, महाभारत में सात्यकि का पात्र निभाने वाले कलाकार का नाम भी बशीर ख़ान है। इस कारण बहुत सारे लोगों को यह लगता है कि अंगद और सात्यकि दोनों चरित्र एक ही कलाकार ने निभाए हैं। पर जैसे हम देख सकते हैं, यह दो अलग व्यक्ति हैं। मैंने इन्हें महाभारत के अतिरिक्त ‘आशिकी (१९९०)’ में भी देखा हैं।

– मैत्री मंथन

* रामानद सागर जी की रामायण पर हमारी इस शृंखला में हमारा प्रथम प्रयास है सभी कलाकारों को उनके नाम और चेहरे से पहचानना। कभी हम अपने भाव, कभी कोई जानकारी, कोई किस्सा सांझा करेंगे और कभी केवल नाम। इसलिए इस शृंखला में कदाचित लेख कम और चित्र अधिक हों। धन्यवाद।

* The information provided in this blog is to the best of our knowledge, if any discrepancies are found please let us know. Thank you.

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